STORYMIRROR

ज़िंदगी की शाम - तनहा शायर हूं अब रोता क्यों है तनहा शायर हूँ मोहब्बत है रेशम की डोरी.. तनहा शायर हूं खामोशी भरी आँखें है ख़ामोशी भरें उठे है कदम… तनहा शायर हूँ कुछ घुटन सी है सीने में ..तनहा शायर हूं

Hindi शाम तनहा है Poems