शाम तनहा है शाम तनहा है
अगर ज़िंदगी की शाम हो जाये ... अगर ज़िंदगी की शाम हो जाये ...
अब रोता क्यों है... तनहा शायर हूँ अब रोता क्यों है... तनहा शायर हूँ
माना मोहब्बत दो जिस्मों का मेल, कहाँ दिल लग जाये,जो इंसान समझ जाये, तो ख़ुदा बन जाये,मुझे भी हुई बेइं... माना मोहब्बत दो जिस्मों का मेल, कहाँ दिल लग जाये,जो इंसान समझ जाये, तो ख़ुदा बन ज...
खामोशी भरी आँखें है, ख़ामोशी भरें उठे है कदम… तनहा शायर हूँ खामोशी भरी आँखें है, ख़ामोशी भरें उठे है कदम… तनहा शायर हूँ
कुछ घुटन-सी है सीने में..तनहा शायर हूं कुछ घुटन-सी है सीने में..तनहा शायर हूं